मिट्टी की सोंधी सुगंध से सद्भावों की अलख जगाएँ। मिट्टी की सोंधी सुगंध से सद्भावों की अलख जगाएँ।
और अपने भाग्य तक पहुंचता हूं, और यह मेरे व्यक्तित्व को तैयार करता है। और अपने भाग्य तक पहुंचता हूं, और यह मेरे व्यक्तित्व को तैयार करता है।
भूरी मिट्टी सा बन जाऊँ भूरी मिट्टी सा बन जाऊँ
यह सब जन व्यक्ति खुद में बिजी रहत है। यह सब जन व्यक्ति खुद में बिजी रहत है।
हिंदुस्तान की मिट्टी में लुटा दी जो जान अपने वतन के खातिर हिंदुस्तान की मिट्टी में लुटा दी जो जान अपने वतन के खातिर
लहलहाती फसलों से हर ओर जहाँ हरियाली है खुशियों के रंग की होली जहाँ और जीत की दीवाली ह लहलहाती फसलों से हर ओर जहाँ हरियाली है खुशियों के रंग की होली जहाँ और जीत की ...